भारत की शान: जानिए इंडिया गेट से जुड़ी अनसुनी बातें

दिल्ली के बीचों-बीच स्थित इंडिया गेट केवल एक ऐतिहासिक स्मारक नहीं, बल्कि भारतीय गौरव, बलिदान और शौर्य का प्रतीक है। यह स्थान आज लाखों लोगों के लिए देशभक्ति की भावना से जुड़ा एक ऐसा स्थल बन चुका है, जहाँ कदम रखते ही मन गर्व और श्रद्धा से भर उठता है। हालांकि अधिकांश लोग इंडिया गेट को इसके भव्य स्वरूप और अमर जवान ज्योति के लिए जानते हैं, लेकिन इससे जुड़ी कई अनसुनी और रोचक बातें हैं जो कम ही लोगों को पता होती हैं।


🔹 1. 70,000 से अधिक सैनिकों को समर्पित

इंडिया गेट को प्रथम विश्व युद्ध और अफगान युद्ध में शहीद हुए 70,000 से अधिक भारतीय सैनिकों की याद में बनाया गया था। इन सैनिकों ने ब्रिटिश आर्मी की ओर से लड़ाई लड़ी और अपने प्राणों की आहुति दी।


🔹 2. सर एडविन लुटियन्स का डिज़ाइन

इस भव्य स्मारक का डिज़ाइन प्रसिद्ध ब्रिटिश आर्किटेक्ट सर एडविन लुटियन्स ने तैयार किया था। वह न केवल इंडिया गेट, बल्कि नई दिल्ली के कई महत्वपूर्ण भवनों की योजना के लिए भी जाने जाते हैं।


🔹 3. अमर जवान ज्योति की स्थापना 1971 में

अमर जवान ज्योति, जो इंडिया गेट के नीचे स्थित है, की स्थापना 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद की गई थी। यह एक राइफल पर सैनिक की टोपी की संरचना है, जिसके चारों ओर एक अमर ज्वाला लगातार जलती रहती है।


🔹 4. इंडिया गेट पहले ‘किंग्सवे’ कहलाता था

ब्रिटिश काल में इंडिया गेट के सामने की सड़क को ‘किंग्सवे’ कहा जाता था, जो अब राजपथ (और अब नया नाम: कर्तव्य पथ) के नाम से जानी जाती है।


🔹 5. यहाँ खुदे हैं सैनिकों के नाम

इंडिया गेट पर 13,300 से अधिक सैनिकों के नाम खुदे हुए हैं, जिनमें कुछ ब्रिटिश सैनिक भी शामिल हैं। यह भारत के उन वीर सपूतों को अमरता प्रदान करता है जिन्होंने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।


🔹 6. युद्ध स्मारक के रूप में अपनी पहचान

यह स्मारक दुनियाभर के सबसे प्रमुख युद्ध स्मारकों (War Memorials) में से एक माना जाता है और इसकी तुलना अक्सर पेरिस के आर्क डी ट्रायम्फ़ से की जाती है।


🔹 7. इंडिया गेट की ऊँचाई

इंडिया गेट की ऊँचाई लगभग 42 मीटर (138 फीट) है और इसे रेड और येलो सैंडस्टोन से बनाया गया है। इसकी ऊँचाई और डिज़ाइन इसे दूर से ही भव्य और आकर्षक बना देते हैं।


🔹 8. रोशनी में जगमगाता स्मारक

रात के समय इंडिया गेट को विशेष प्रकाश व्यवस्था से सजाया जाता है, जिससे यह और भी आकर्षक लगता है। यहाँ का रात्रिकालीन दृश्य पर्यटकों और फोटोग्राफरों के बीच बेहद लोकप्रिय है।


🔹 9. स्वतंत्रता से पहले बना था इंडिया गेट

इंडिया गेट का निर्माण 1921 में शुरू हुआ और 1931 में पूरा हुआ, यानी भारत की स्वतंत्रता से पहले। यह उस समय ब्रिटिश सरकार द्वारा बनवाया गया था, लेकिन आज यह स्वतंत्र भारत की वीरता का प्रतीक बन चुका है।


🔹 10. राष्ट्रीय पर्वों का मुख्य केंद्र

हर वर्ष गणतंत्र दिवस की परेड यहीं से आरंभ होती है। प्रधानमंत्री द्वारा अमर जवान ज्योति पर पुष्पांजलि अर्पित की जाती है, जो पूरे देश को भावनात्मक रूप से जोड़ने वाला पल होता है।


🔸 निष्कर्ष

इंडिया गेट केवल एक पत्थर की संरचना नहीं है, बल्कि यह भारत के उन वीरों की याद है जिन्होंने देश के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। इससे जुड़ी इन अनसुनी बातों को जानकर हमें न केवल इसका ऐतिहासिक महत्व समझ में आता है, बल्कि इससे जुड़ी देशभक्ति की भावना भी और गहराई से महसूस होती है।

यदि आप दिल्ली जाएँ, तो एक बार इस गौरवशाली स्मारक के सामने खड़े होकर उन शहीदों को नमन ज़रूर करें।


जय हिन्द!

Leave a Comment